हिंदी वाद-विवाद समिति
“तर्क बनेंगे आधार, व्यंग्य प्रहार, ज्ञान का होगा शंखनाद। विद्यार्थियों की हुंकार से गूँजेगा, तर्क पूर्ण वाद-विवाद।।”
‘हिंदी वाद-विवाद समिति’ हमारे विद्यालय की बहुत ही महत्वपूर्ण इकाई है। इसके सभी सदस्य बहुत ही उत्साह और परस्पर समन्वय के साथ कार्य करते हैं। हिंदी वाद-विवाद क्लब के दौरान समसामयिक घटनाओं पर चर्चा, उन पर मॉक सेशन और उसके पश्चात व्यक्तिगत वाद-विवाद और अंत में विचार विमर्श कर सबके समक्ष कुशल आत्माभिव्यक्ति के साथ प्रस्तुत किया जाता है। हिंदी वाद-विवाद से विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, ज्ञान और आत्मसम्मान में वृद्धि होती है। उनके आलोचनात्मक और बहुआयामी विश्लेषणात्मक सोच कौशल का विकास होता है। विचारों को व्यवस्थित व प्रभावी रूप से प्रकट करना आ जाता है। टीम वर्क की भावना में अभिवृद्धि के साथ-साथ हिंदी भाषा पर पकड़ मज़बूत होती है। साथ ही साथ एक-दूसरे के विचारों से सहमत न होते हुए भी सम्मानपूर्वक विपक्ष के तर्कों का खंडन करना सिखाना इसकी विशेषता है। यह समिति अंतर कक्षीय, अंतर सदनीय, अंतर विद्यालयीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के लिए छात्राओं को वैश्विक मंच प्रदान करती है। वाद-विवाद विशेष रूप से बच्चों के समग्र व्यक्तित्व को ढालने के अलावा उन्हें अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का सुअवसर प्रदान करता है। वाद-विवाद लगभग प्रत्येक चीज़ में सफल होने का वन-स्टॉप फ़ॉर्मूला हो सकता है। करियर में उन्नति के लिए नेटवर्किंग, ग्रुप डिस्कशन और प्रस्तुतियाँ देते समय वाद-विवाद कौशल काम आता है। ये ‘सॉफ्ट स्किल्स’ चहुँ उत्कर्ष में सहायक हो सकते हैं क्योंकि वाद-विवाद के विद्यार्थी अनुनय की कला सीखते हैं। अत: इस तरह की प्रतियोगिताओं को यदि विद्यालय की ‘रीढ़ की हड्डी’ कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।